🍂बीएचयू में चमकेगा चित्रकूट का कोहिनूर
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भगवान् श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट की धरती एक ओर जहाँ आध्यात्मिक और प्राकृतिक रूप से धनाढ्य है वहीं दूसरी ओर सदा से संसाधन विहीन रही है किंतु बावजूद इसके इस पवित्र धरती में उपजे प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों ने देश-विदेश में यहाँ का गौरव स्थापित किया है।
इन्हीं प्रतिभाशाली व्यक्तित्त्वों में एक शख़्स हैं डॉ. शैलेन्द्र कुमार साहू जिनका जन्म चित्रकूट के बीहड़ में बसी मानिकपुर तहसील में हुआ। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गृहनगर से पूरी कर प्रयागराज को अपनी कर्मस्थली बनाया।प्रयाग की पावन धरा पर रहकर ही इन्होंने समस्त शैक्षणिक उपाधियाँ (जैसे- एम ए,बीएड,यूपीटेट,सीटेट,नेट,जेआरएफ एवं पीएचडी)अर्जित कीं।
शोधकार्य पूरा करते ही इनका चयन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में अतिथि प्रवक्ता पद हुआ,एक साल के भीतर ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ,उत्तरप्रदेश में प्रवक्ता पद पर तीसरा स्थान प्राप्त किया और एक साल इस पद पर सेवा देकर उच्च शिक्षा में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद पर आसीन हुए!
जरा सोचिए कि वर्तमान व्यवस्था में जहाँ अधिकांश प्रतियोगी छात्र/छात्राएँ सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन-रात मशक्कत करते हैं और फिर भी अधिकांश निराशा ही हाथ लगती है वहीं चित्रकूट के इस कोहिनूर हीरे ने एक के बाद एक लगातार दुर्लभ सफलताएँ अपने नाम की हैं। बेशक कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम मिलता है किंतु "भाग्यं फलति सर्वत्र" को भी नकारा नहीं जा सकता!
डॉ. साहू का सफ़र अभी यहीं पर नहीं रुका बल्कि इन्होंने अपनी प्रतिभा की चमक से एक बार और अपने जनपद सहित पूरे प्रदेश को चकाचौंध किया है। जी, हाँ अभी हाल ही में इनका चयन एशिया के बहुचर्चित और प्रतिष्ठित संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद पर हुआ है।
बीएचयू जैसे संस्थान में चयनित होना वाकई बहुत बड़ी उपलब्धि है। इनकी इस सफ़लता से घर-परिवार,नगर,जनपद और समूचे प्रदेश का गौरव बढ़ा है।
बहुत-बहुत बधाई!💐
✍️अनुजपण्डित
Pure nagar ke liye gaurav ki bat h
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