अक़्सर छोटी-छोटी बातों में धन्यवाद और आभार व्यक्त करने का चलन है। आपके द्वारा किसी का कोई कार्य कर दिया गया तो वह आपको इन दोनों में से कोई एक शब्द बोलता है। फेसबुक पोस्ट की सराहना पर भी हम एक-दूसरे को ये दोनों शब्द बोलते रहते हैं किंतु इन दोनों शब्दों का अंतर जानना भी आवश्यक है।
धन्यवाद और आभार में बारीक अंतर यह है कि धन्यवाद सामान्य स्थिति में बोला जाता है और आभार विशेष की स्थिति में। यदि आपके अच्छे कार्य की कोई सराहना कर दे तो आप उसे धन्यवाद कहते हैं और जब किसी के द्वारा आपका कोई कार्य सिद्ध हो तो आप उसका आभार प्रकट करते हैं। वैसे इन दोनों शब्दों का प्रयोग सामने वाले की आयु देखकर भी किया जाता है।
यदि कोई आपसे उम्र में छोटा है या समकक्ष है तो आप उसे धन्यवाद कह सकते हैं किंतु यदि उम्र में बड़ा है तो धन्यवाद जरा कम जँचता है। उसके लिए आभार शब्द का ही प्रयोग करना चाहिए।
आभार से का शाब्दिक अर्थ यदि लेंगे तो इसका अर्थ होगा ऋणी होना। आप किसी के मार्गदर्शन,सहायता या उपकार के ऋणी हैं, इसलिए आप उसके प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं जबकि धन्यवाद में खुद की कृतज्ञता का भाव होता है। जीवन में इन दोनों शब्दों की बड़ी जरूरत पड़ती है क्योंकि आये दिन किसी का किसी से कोई कार्य पड़ता है, कोई न कोई आपको सराहता है । यदि अभी आपका कार्य हुआ नहीं बल्कि करवाने की गुजारिश कर रहे हैं तो भी आप यह बोलते हैं कि मैं आपका आभारी रहूँगा अर्थात् ऋणी रहूँगा। इस एहसान का भार मुझ पर रहेगा,ऐसा आप व्यक्त करते हैं। इसलिए इन दोनों शब्दों का प्रयोग बड़ी सतर्कता से करना चाहिए।
✍️ अनुज पण्डित
उचित जानकारी के लिए बहुत-बहुत आभार ज्येष्ठ भ्राता।
ReplyDeleteधन्यवाद आकाश जी💖
Deleteधन्यवाद आकाश जी💖
Deleteधन्यवाद आकाश जी💖
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