Tuesday, February 16, 2021

प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म पर चिन्तन

नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज के ज्योतिष, कर्मकाण्ड वास्तु शास्त्र डिप्लोमा एवं संस्कृत विभाग  दिनांक 15/02/2021से 17/02/2021 तक चलने वाले त्रिदिवसीय वासन्तिक महोत्सव के दूसरे दिन आज दिनांक16/02/2021 को पूर्वाह्न 11बजे  विश्वविद्यालय  के" समागम"  शिविर मे मंगलाचरण और सरस्वती पूजन किया गया  तत्पश्चात "प्राचीन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म " का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उपादेयता विषय पर चिन्तन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ डाँ.देव नारायण पाठक ने वैदिक मंगलाचरण से किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी दिलीप योगिराज ने रामचरितमानस के उत्तर काण्ड के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला और बताया कि यदि कोई व्यक्ति नित्य रामचरित मानस के उत्तर काण्ड का पाठ करे तो उसमें भारतीय संस्कृति का विकास अपने आप हो जाएगा। 
स्वामी श्यामदास जी ने आधुनिक परिप्रक्ष्य में श्रीमद्भगवद्गीता की उपादेयता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का प्रारम्भ वैदिक मंगलाचरण से हुआ।इस अवसर पर  संस्कृत विभागाध्यक्ष डाँ.देव नारायण पाठक,डाँ.सब्यसाची, डाँ.राजीव वर्मा, डाँ.प्रभात कुमार, बलराम,बृजेश,श्री रविमिश्र,श्री संगम लाल तथा अनेक सम्मानित जन विद्यमान थे। अन्त में डाँ.प्रभात कुमार  ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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